प्यार बस चाहना नहीं होता
रात भर जागना नहीं होता ।
है तभी तक ख़ुशी ख़ुशी जब तक
दर्द से सामना नहीं होता ।
वक़्त लिखता है ज़िस्म पे किस्से
उम्र भर भागना नहीं होता ।
है तभी तक शिखर शिखर जब तक
पांव से नापना नहीं होता ।
झूठ अपना नहीं सका अब तक
सत्य को मानना नहीं होता ।
जीत हो या शिकस्त जीवन में
डर के मुंह ढांपना नहीं होता ।
जिंदगी भर का साथ है जीवन
जीतना हारना नहीं होता ।
-- दिगम्बर नसवा
( फ़रीदाबाद निवासी )
अब दुबई में ।
श्री नसवा के ब्लाग स्वप्न मेरे से साभार ।
बहुत उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@ग़ज़ल-जा रहा है जिधर बेखबर आदमी
नासवा जी को पढ़ती हूँ हमेशा से ..काफी अच्छा लिखते हैं ..
ReplyDelete