रोचक प्रसँग
साउथ कोरिया के स्कूल सातों दिन पढाते हैं जरुरत हो तो एक्स्ट्रा क्लास रात में लगती और जापान अपने स्कूलों में सफाई कर्मचारी नहीं रखता। टीचर और विद्यार्थी मिलकर साफ सफाई करते हैं। हंगेरियन स्कूल में प्राइमरी कक्षाओं में संगीत की शिक्षा और खेल जरुरी है। स्कूल छोटे बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी खुद लेता है और कोई होमवर्क नहीं मिलता छोटे बच्चों को। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बच्चे के माता-पिता कितने पढे लिखे हैं होमवर्क करवा सकेंगे या नहीं। गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश सब कुछ है अगर तो फिर मुश्किल क्या है गुरु वरों!!
कँचन भारद्वाज के सौजन्य से ।
फेसबुक.10.2.2017 ओ
चौक यूनिवर्सिटी के कुलपति
सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि डॉ. राम विलास शर्मा की जी एक पुस्तक है ‘पंचरत्न’ । संस्मरणों पर अभिकेंद्रित । राम विलास शर्मा जी एक रोचक संस्मरण है वहाँ जाने-माने कथाशिल्पी अमृत लाल नागर को लेकर :
मैँ ने अमृत लाल नागर जी से कहा - “अब तुम पीएच.डी. कर डालो ।”
इस पर नागर जी बोले - “पहले इंटर करना पड़ेगा, फिर बी.ए, फिर एम.ए. । बड़ी मेहनत करनी पड़ेगी । अब पीएच.डी-वीएच.डी. का मोह नहीं है । पहले था । तुमने मुझे पंडित की उपाधि दे दी वह बहुत है, और पढ़कर करूँगा भला क्या ?
शर्मा जी उन्हें एकटक निहारते रहे ।
नागराजी ने हौले से मुस्कराते हुए कहा - “ आपको तो पता ही नहीं, चौक हमारी युनिवर्सिटी है और हम उसके वाईस चांसलर हैं ।”
जय प्रकाश मानस के सौजन्य से ।
18.2.2017 को फेसबुक मेँ प्रकाशित ।
शेरअली आफरीदी ने 8 फरवरी 1872 को वायसराय लाॅर्ड मेयो की हत्या कर दी थी। 11 मार्च 1873 को अंडमान समूह के वाइपर आइलैंड पर फांसी दे दी
गई।
ललित सुरजन के सौजन्य से । फेसबुक 25.2.2017
*संत सिंह मसकीन साहब सिख पंथ के बड़े विद्वान थे।उनका एक बार औरंगजेब की मजार पर जाना हुआ, उस समय का प्रसंग है।*
ज्ञानी संत सिंह मस्कीन जी के मुगल शहंशाह औरंगज़ेब के बारे में उन्हीं की जुबानी ....
कुछ अरसा पहले मुझे औरंगाबाद जाने का मौक़ा मिला । कई बार हजूर साहिब( महाराष्ट्र ) जाते समय उधर से ही जाना होता था । एक बार प्रबन्धकों ने कहा ज्ञानी जी यहाँ से ७-८ किलोमीटर की दूरी पर खुलदाबाद में औरंगज़ेब की क़ब्र है । अगर आप चाहें तो आप को दिखा लायें । कभी उधर से गुज़रते हुए देखी भी थी फिर देखने की इच्छा हुई चलो देख आते हैं । हम वहाँ पहुँचे । वहाँ पर मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेर शरीफ़ वाले के पडपोते के मक़बरे के नज़दीक ही औरंगज़ेब की कच्ची क़ब्र है । निज़ाम हैदराबाद ने चारों ओर जालीनुमा संगमरमर लगवा दिया है । मैंने उस क़ब्र को देखा, सामने पत्थर की तख्ती पर कुछ शेयर लिखे थे और कुछ थोड़ा बहुत समकालीन इतिहास लिखा था, उसको मैंने नोट किया ।
जैसे ही मैं वहाँ से चलने लगा, वहाँ देखभाल के लिये जो आदमी ( मजौर) बैठा था, मुझसे बोला सरदार जी कुछ पैसे दे के जाओ । मैंने पूछा तुम्हारी आजीविका का कोई मसला है ? उसने कहा नहीं ।
यहाँ जो भी लोग ( जहरीन) आते हैं,आप जैसे लोग आते हैं हमें कुछ दे के जाते हैं । उन्हीं पैसों से रात को तेल लाकर यहाँ दिया जलता है। इसलिये तेल के लिए कुछ पैसे चाहिये । आप भी हमें तेल के लिये कुछ पैसे दे कर जाओ । मैंने जेब से कुछ पैसे निकाले और व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा-- ये लो पैसे, ले आना तेल और जला देना औरंगज़ेब की क़ब्र ( मडी ) पे दिया । उसके बोल मैंने अपनी डायरी में लिख लिये के कहीं मैं भूल ना जाऊँ । मेरे अन्दर से एक आवाज़ आई ।
ऐ औरंगज़ेब तेरी क़ब्र पर रात को दिया जलाने के लिये तेरी क़ब्र पर बैठा मजौर आने वाले यात्रियों से पैसे माँगता है । परन्तु जिस सतगुरू को तूने दिल्ली की चाँदनी चौक में शहीद किया ( करवाया), जिन साहिबजादों को तूने सरहन्द ( फतेहगढ साहिब पंजाब )में ज़िन्दा दीवारों में चिनवा दिया, जा कर देख वहाँ पैसे के दरिया बहते हैं । भूखों को भोजन मिल रहा है । दिन रात कथा- कीर्तन के परवाह चल रहे हैं । लोग सुन-सुन कर रबी सरूर का आन्नद प्राप्त कर रहे हैं । और ये सब देख कर कहना पड़ता है
।। कूड़ निखुटे नानका ओड़कि सचि रही ।।२।। ( गुरू ग्रन्थ साहिब अंग 953 )
सच ने हमेशा क़ायम रहना है । सच की आवाज़ हमेशा गूँजती रहेगी । झूठ की अन्ततः हार होती है।
🙏🙏🙏🙏🙏
( ज्ञानी संत सिंहजी मसकीन)
व्हाट्स एप के माध्यम से ।
महान खगोल विद् गैलीलियो को इसलिए फाँसी की सजा सुनाई गयी थी ,क्योंकि उन्होंने अपने प्रयोगों से यह सिद्ध कर दिया था कि सूर्य अपनी जगह पर स्थिति है केवल पृथ्वी उसकी परिक्रमा करती है।
महेश मिश्र के सौजन्य से । फजसबुक 27.2.2017
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