हरियाणा की कवयित्री डेज़ी नेहरा की कविताओं में प्रेम की मादकता
के साथ एक तार्शनिकता भी मिलती है । उन में प्रकृति के विभिन्न रंगों
का वैभव भी मिलता है ।
उन का संक्षिप्त परिचय यह है ।
डॉ डेज़ी
एसोसिएट प्रोफेसर, अंग्रेजी, गर्ल्स' कॉलेज
भक्त फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय
खानपुर कलां (सोनीपत)
शिक्षा: एम.ए., एम.फिल. (ई.एल.टी.), पी.एच.डी.
प्रकाशित हिंदी पुस्तकें: 2
1. आस, कविता संग्रह (2010)
2. करवटें मौसम की, कविता संग्रह (2017)
यहाँ उन की कुछ चुनी हुई कविताएँ प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
---- सुधेश
परम्परा
एक उत्तर
तो एक दक्षिण
स्वाभाव दोनों का
एकदम भिन्न
एक आसमां को निहारे
एक जमीन से भी नीचे
एक - दूसरे को कोसें दोनों
जबड़ों को भीचें
एक है सादा सरल तो
एक पर चढ़ा ज़माने का रंग
अपनी-अपनी जिद के पक्के
कोई न बदले ढंग
एक को भाए मुक्ति
तो दूजे को बंधन
हर रोज लड़ते दोनों
अक्सर ही रहती अनबन
किन्तु
फिर भी
ये जुड़े हैं
निभाने को
एक ऐसी परम्परा को
जो इजाजत नहीं देती
अलग होने की
कि…
‘प्रेम’ नहीं है।
जवाँ बुलबुलो! सब तुम्हारा ही तो है...
भरो उड़ान कि आसमाँ तुम्हारा ही तो है
ये गुलशन, ये गुलिस्तां तुम्हारा ही तो है !
पंख 'तुम्हारे', परवाज़ 'तुम्हारी' है
पर, क्षितिज के उस पार 'न' जाना मेरी बुलबुलों
ये इस पार जो 'है' - सब तुम्हारा ही तो है !
चहको, महको, लहको
बस, 'न' बनाओ आदत गरजने की
क्यूंकि 'मिठास' पर सारा हक़ - तुम्हारा ही तो है !
झपटे जो गिद्ध कोई
टूट पड़ो उस पर
ये कर्तव्य, ये अधिकार - तुम्हारा ही तो है !
पर रूप धरो तुम 'देवी' सा
कि 'शक्ति' का वरदान उन्हें
'अप्सरा' बन न दिखो सदा
सिर्फ 'रिझाने' का मिला काम उन्हें
अब कौनसा रूप है धरना
ये सोचना - काम तुम्हारा ही तो है !
'शक्ति' है वो, जिसने कुचले दानव भी
'मेनका' तो बस कर सकती तप-भंग का तांडव ही
'दुर्गा' में तो कभी न दिखी - लालसा किसी को रिझाने की
'मेनका' को कभी शक्ति न मिली - महिषासुरों को हराने की
मारना है 'पाप' को, थोड़ी पहल तुम भी करो
लेना है प्रतिकार तो, थोड़ी पहल तुम भी करो
कामना है 'शक्ति' की - तो देवी सा रूप धरो
कि...
गुलों का प्यार, न बने गिद्धों का प्रहार
ये सवाल तुम्हारा और इसका जवाब भी तुम्हारा ही तो है!
दहलीज़
नज़रों ने खेला खेल था
होना तेरा मेरा मेल था
बरसों बीते संग जीते-जीते
दुःख को सीते, सुख को पीते
मैं 'नेह' से सीढ़ी चढ़ कब की 'देह' तक पहुँच गयी
मान गयी ... समझ गयी ...हर तर्क 'देह' का
पर ये अचम्भा ही रहेगा प्रिय
तुम क्यों लाँघ नहीं पाये 'देह' की देहलीज़
जी चाहता है ...
छोड़ ये आत्मा का घर
जल्दी-बहुत जल्दी पहुंचू
जीवन से अगले पड़ाव पर
सोचता है मन मगर...
कहीं तरसूँगा तो नहीं
पाने को फिर 'यही' डगर
जहाँ हंसने-रोने, पाने-खोने का सफर
जहाँ आँख का पानी
बहे कहीं
कहीं बिन बहे लिखे
नित नयी कहानी
भीतर तक
चीरती वारदातें
अनकहे
दर्दों की बारातें
टिकाती घुटने
समेटती मन
झुकाये सर, बना विनम्र
कराती नमन
परिपक्व हो फिर
प्रकृति के हर रूप से पुलकित
न्यौछावर पत्ते-पत्ते पर
सृष्टि के कण-कण पे मोहित
मोह हो जैसे ही रब से
विछोह मन चाहे तब से
आता जो समझ जीवन-विस्तार
मन फिर तजना चाहे संसार
यही है सार ... यही है सार !
फिर
जी चाहता है...
जीना आ गया समझो...
अपना दिल टूटे तो मुस्कुराने का दम
और उसकी 'ज़रा सी' उदासी से पिघल जाए मन
तो जीना आ गया समझो ...
पसंदीदा फूलों पे जान छिड़कते हो बेशक
पर जिस दिन समझ जाओगे काँटों का भी मन
तो जीना आ गया समझो ...
ख़ास लोगों को सलाम करती है भले दुनिया
आ जाएगा करना जब राह चलतों को नमन
तो जीना आ गया समझो ...
मैं, मेरा, मुझको, मुझसे ... से ज़रा दूर हो के
"इदं न मम" व्यवहार में आ गया जिस क्षण
तो जीना आ गया समझो.
जीवन
जीवन पानी-पानी है
कहीं ‘गंगा’ सा
उजला
तो - कहीं ‘यमुना’ सा
स्वतः ही काला I
झरना बन कर जीवन
झरता पत्थरों पर
अपने निरंतर प्रवाह से -
किसी पत्थर को देता ‘काई’ की परत - ज्यों लिप्त भोगी की लगन
किसी को ‘भव्य’ आभा - ज्यों योगी का माथा I
झील का पानी
महत्वाकांक्षाओं से रहित - 'तृप्त'
ठहरा रहे स्वयं व टिकाये रखे भीतर के सारे जीवन को - बरसों
एक आकर्षण ‘अतृप्त’ सैलानियों के लिए
जो भटकते ‘ठहराव’ के लिए I
अहा ! पानी बारिश का
मूसलाधार, कहीं रिमझिम, तो कहीं फुहार सा
बरसता -
कही क्रोध, कहीं प्रेम, तो कहीं आशीर्वाद सा
किन्तु... ओह !
बदलता मन व दिशा कहीं
कर जाता रेगिस्तान में अनाथ सा I
सागर के गागर में पानी
समेटे - अबूझ, अगणित, अनकही कहानी
ज्यों हम सबकी दादी-नानी
जिनकी झुर्रियों सी लहरें
तट पर भिगोएं यूं हमें
कि जीवन के मीठेपन में
हमें याद रहे खारापन भी I
बरसता है - ठहरता है
पर पानी वही जो बहता है – ‘नदिया’ सा
रोके नहीं रुकता जो
आसमाँ से टपकी या धरती पे गढ़ी बाधाओं से
दशा बदले, दिशा बदले ... भले
पर
बनाये दम-ख़म, तेज़-कभी मद्धम
पानी वही जो बहता है II
जीवन वही जो रहता है II
डा डेज़ी नाहरा का फोटो
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